Jaunpur Live : जौनपुर में ही जला था जनसंघ का 'दीपक'




आजादी के बाद देश की बागडोर जब कांग्रेस के हाथों में आयी तो लोकतंत्र के महापर्व में इस जनपद से राजा यादवेन्द्र दत्त दूबे की हवेली से जन संघ के संस्थापक पं. दीनदयाल उपाध्याय ने दीपक जलाया और बाद में यही दीपक कमल का फूल बन गया। बात अगर पं. दीनदयाल उपाध्याय की जाय तो 1963 की लोकसभा चुनाव में उन्हें कांग्रेस के जमीनी नेता राजदेव सिंह से शिकस्त खानी पड़ी। यही वजह थी कि जनसंघ का दीपक जलने में यहां 37 वर्ष लग गये। जिस राजा जौनपुर की हवेली से जनसंघ में दीपक जलाने का काम पूरे देश में किया गया था वहीं 1989 में आखिरकार राजा यादवेन्द्र दत्त दूबे ने पहली बार भाजपा का कमल खिलाकर दिल्ली पहुंचे।





कहा जाता है कि एक बार चुनाव प्रचार के दौरान राजदेव सिंह की मुलाकात पंडित दीनदयाल उपाध्याय से हुई तो उनकी लोकप्रियता देखकर उन्होंने कहा था कि ऐसे जनप्रिय नेता को हराना नामुमकिन है। अपनी सादगी व लोगों से घुल मिलकर रहने वाले राजदेव सिंह को आज भी एक अच्छे सांसद के रुप में याद करते है। यही वजह थी कि 1971 के बाद से कोई भी लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी दोबारा सांसद नहीं चुना जा सका जो रिकार्ड बना हुआ है।









No comments:

Post a Comment

INSTAGRAM FEED

@akjsahara