बड़ी अजीब सी है शहरों की रौशनी गालिब, उजालों के बावजूद चेहरे पहचानना मुश्किल है।

बड़ी अजीब सी है शहरों की रौशनी गालिब,
उजालों के बावजूद चेहरे पहचानना मुश्किल है।

MR. JOURNALIST ANKIT JAISWAL

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